न्याय परिक्रमा न्यूज़ सहारनपुर
सहारनपुर। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गृह कर आवासीय भवनों के समान घोषित करने, औद्योगिक इकाईयों को आवासीय श्रेणी में रखने समेत कम रेट पर टैक्स की मांग को पूर्ण किए जाने का आईआईए ने स्वागत किया है। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री से आशा जतायी कि वह मध्यम श्रेणी के उद्योगों को भी राहत प्रदान करने का कार्य करेगी।
प्रताप मार्केट स्थित आईआईए कार्यालय पर आयोजित बैठक में चैप्टर चेयरमैन अनुप खन्ना ने बताया कि आईआईए विगत 8 वर्षों से उत्तर प्रदेश सरकार से औद्योगिक इकाईयों की अलग से श्रेणी निर्धारित करने की मांग करता आ रहा था। प्रदेश सरकार ने उद्योगों के लिए गृह कर जो आवासीय का तीन गुना निर्धारित किया था और जो पूरे प्लॉट एरिया पर लागू था, उसको कम करने के लिए आईआईए अनेक स्तरों पर लड़ाई लड़ रहा था। उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए सरकार ने प्रदेश में स्थित सूक्ष्म एवं लघु औद्योगिक इकाइयों के लिए आईआईए की मांग के अनुसार गृह कर आवासीय भवनों के समान घोषित कर दिया है। पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रमोद मिगलानी ने बताया कि प्रदेश के समस्त जनपदों में नगर निगम द्वारा टैक्स की गणना आवासीय श्रेणी व वाणिज्य श्रेणी के आधार पर की जाती थी। औद्योगिक इकाईयों को वाणिज्य श्रेणी के अंतर्गत मानते हुए समस्त भूमि पर टैक्स की गणना की जाती हैं। इसमे औद्योगिक इकाइयों के लिए कोई अलग से श्रेणी नही थी। आईआईए द्वारा प्रदेश सरकार से औद्योगिक इकाईयों को आवासीय श्रेणी मे रखने एवं कम रेट पर टैक्स की मांग निरंतर की जा रही थी। संस्था की इस मांग को प्रदेश सरकार ने उद्योग हित मान लिया हैं। महासचिव ऋषभ अग्रवाल ने कहा कि मध्यम श्रेणी के उद्योगों के लिए अभी राहत नहीं मिली है, जिसके लिए आईआईए भविष्य में प्रयासरत हैं और आशा है कि प्रदेश सरकार इस मांग को भी शीघ्र ही स्वीकार कर लेगी। बैठक में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संजीव अरोड़ा, राष्ट्रीय सचिव प्रमोद सडाना, आरकेधवन, वरिष्ठ उपाध्यक्ष स.हरजीत सिंह, कोषाध्यक्ष अनूज कुमार जैन, मंडलीय सचिव गौरव चोपड़ा, प्रमजीत सिंह, सुरेंद्र मोहन कालड़ा, शिवम गोयल, विरेन्द्र कुमार अवस्थी आदि मौजूद रहे।
ब्यूरों रिपोर्टः मोनू कुमार/कुमार योगेश (सहारनपुर)
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