न्याय परिक्रमा न्यूज़ हरियाणा
हरियाणा, अच्छेलाल, वर्ष 2024 से लागू होने वाली नई शिक्षा नीति 2020 को लेकर कार्य प्रगति पर है। नई शिक्षा नीति के अंतर्गत 5+3+3+4 पैर्टन का पालन किया जा रहा है। जिसके तहत 12 साल की स्कूल शिक्षा होगी। नई शिक्षा नीति के तहत स्कूल में 5वीं तक की शिक्षा मातृभाषा या फिर क्षेत्रीय भाषा में दी जाएगी।
एक आम व्यक्ति की भाषा में नई शिक्षा नीति क्या है
एल़केजी, यूकेजी, नसर्री, पहली व दूसरी को मिलाकर पांच साल का आधार चरण माना जाएगा। इन पांच सालों की पढ़ाई का एक नया पाठ्यक्रम बनाया जा रहा है। दूसरा चरण कक्षा तीन से पांच तक का है। तीसरा चरण छठी से आठवीं तक का तथा चैथा चरण नौंवी से बाहरवीं है। जब विद्यार्थी कक्षा छठी में आएगा तो पेशावर व कौशल युक्त शिक्षा देनी प्रारंभ की जाएगी। स्थानीय स्तर पर बच्चों को प्रशिक्षण यानि इन्टरनशिप भी कराई जाएगी। नई शिक्षा नीति के तहत चैथे चरण में विद्यार्थियों को विषय चुनने की आजादी होगी। कोई भी बच्चा गणित, विज्ञान या फैशन डिजाइन जैसे विषय भी पढ़ पाएगा। पुरानी शिक्षा नीति में पहली से दसवीं कक्षा तक सामान्य पढ़ाई होती थी और कक्षा ग्याहरा से विषय चुनने की अनुमति होती थी। परन्तु नई शिक्षा नीति में नौंवी कक्षा से ही विषय चनने की अनुमति होगी।
नई शिक्षा नीति के तहत वर्ष में दो बार परीक्षाएं होंगी। इसमें एक परीक्षा वस्तुनिष्ठ प्रश्नों पर आधारित होगी व दूसरा व्याख्यात्मक श्रेणी में विभाजित किया गया है। बोर्ड की परीक्षा में जो मुख्य जोर होगा वो ज्ञान के परीक्षण पर होगा यानि यह टेस्ट किया जाएगा कि बच्चे को नाॅलेज कितनी है। जिससे कि वर्षों से रट्टा मार कर परीक्षा पास करनी की प्रवृति को खत्म किया जा सके।
अगला बड़ा बदलाव नई शिक्षा नीति में यही है कि सीबीएससी व राज्यों के बोर्ड, बोर्ड परीक्षाओं के प्रैक्टीकल माॅडल तैयार करेंगे। जैसे वार्षिक, समैस्टर, माॅडयूलर बोर्ड परीक्षाएं। और नई नीति के तहत तीसरी, पांचवीं, आठवीें कक्षा की भी परीक्षा होगी। दसवीं व बाहरवीं की बोर्ड परीक्षाएं जो नए बदलाव होंगे, उनके साथ जारी रहेंगी।
नई शिक्षा नीति के चलते हरियाणा में बदलाव
नई शिक्षा नीति 2020 को प्रदेश में 2025 तक पूर्ण रूप से लागू किया जाएगा। स्कूली शिक्षा विद्यार्थी के जीवन का आधार होती है। प्रदेश के युवाओं की शैक्षिक नींव मजबूत करने के लिए राज्य सरकार द्वारा स्कूली शिक्षा पर जोर दिया जा रहा है। बच्चों को गुणवता पूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए शिक्षा के स्तर में सुधार हुआ है। सरकार ने रेशनलाइजेशन करके सरकारी विद्यालयों के प्रत्येक विद्यार्थी को अध्यापक उपलब्ध करवाने का प्रयास किया है। स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल इतिहास की पुस्तकों को नवीनतम बनाया गया है।
कक्षा छठी से बाहरवीं तक की इतिहास की पुस्तकों में देश व हरियाणा के लिए अपना उत्कृष्ट योगदान देने वालों को यथा स्थान दिया गया है। मुगलों के इतिहास, यूरोपीय इतिहास को बहुत ही कम स्थान दिया गया है।
नई शिक्षा नीति की शुरूआत से तो कुछ आशाएं जगी हैं और धरातल पर इसका प्रभाव देखने के बाद ही इसका सही मूल्यांकन संभव होगा।
ब्यूरों रिपोर्टः कुमार योगेश /अच्छेलाल (हरियाणा)
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