न्याय परिक्रमा न्यूज़ चंडीगढ़
25 जून को संविधान हत्या दिवस मनाने का फैसले से आपातकाल में यातनाएं सहने वाले लोगों को मिला इंसाफ
चंडीगढ़, अच्छेलाल, भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य एवं हिमाचल के सह प्रभारी संजय टंडन ने केंद्र सरकार द्वारा 25 जून को हर साल संविधान हत्या दिवस मनाने के फैसले का स्वागत किया है। केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए नोटिफिकेशन में कहा गया है कि ’25 जून 1975 को आपातकाल की घोषणा की गई थी। उन्होंने कहा कि उस समय की तत्कालीन सरकार ने सत्ता का दुरुपयोग करके देश के लोगों पर ज्यादतियां और अत्याचार किए थे। उनके पिता और छत्तीसगढ़ के पूर्व राज्यपाल स्व.बलरामजी दास टंडन ने आपातकाल में यातनाएं सही हैं। उनके पिता के भारत संविधान और लोकतंत्र की मजबूती के दृढ़ निश्चय को अत्याचार के जरिये तोड़ने की कोशिश की गई, लेकिन वह अपने फैसले पर अडिग रहे।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की केंद्र सरकार ने आपातकाल की अवधि के दौरान सत्ता के घोर दुरुपयोग का सामना और संघर्ष करने वाले सभी लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ घोषित किया है, वह सराहनीय कदम है।
उन्होंने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 25 जून 1975 को अपनी तानाशाही मानसिकता को दर्शाते हुए देश में आपातकाल लगाकर भारतीय लोकतंत्र की आत्मा का गला घोंटने का काम किया था। लाखों लोगों को अकारण जेल में डाल दिया गया और मीडिया की आवाज को दबाया गया। भारत सरकार ने हर साल 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय किया है। यह दिन उन सभी लोगों के विराट योगदान का स्मरण कराएगा, जिन्होंने 1975 के आपातकाल के अमानवीय दर्द को झेला था।
उन्होंने कहा कि 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाने का फैसला, आने वाली पीढ़ियों को आपातकाल की यातनाएं और उत्पीड़ने के काले अध्याय के बारे में अवगत कराता रहेगा।
उन्होंने संविधान हत्या दिवस मनाने का फैसला लेने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का आभार जताया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के फैसले से उनके पिता सहित यातनाएं सहने वाले लोगों को इंसाफ मिला है।
ब्यूरों रिपोर्टः कुमार योगेश /अच्छेलाल (चंडीगढ़)
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