न्याय परिक्रमा न्यूज़ सहारनपुर
सहारनपुर। जिला आर्य प्रतिनिधि सभा के प्रतिनिधि मण्डल ने अपनी मांगों के संबंध में मुख्यमंत्री को संबोधित पांच सूत्रीय ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपकर मांगों का निस्तारण कराये जाने की मांग की।
जिला आर्य प्रतिनिधि सभा के पदाधिकारी स्वामी कृष्णानंद के नेतृत्व में एकत्र होकर जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने सौंपे गए ज्ञापन में बताया कि भारत देश में जो शिक्षा, भावी पीढ़ी को प्रदान की जा रही है वह ऋषि देवदयानन्द शब्दों में वह अविद्या है। उनका कहना था कि वर्तमान शिक्षा प्रणाली वैदिक सनातन पद्धति के अनुरुप न होकर केवल धनोपार्जन का साधन मात्र है। इसलिए शिक्षा पद्धति में आमूल-चूल परिवर्तन करने की आवश्यकता है। इसके अन्तर्गत पाठ्यक्रम में नैतिक शिक्षा को सम्मिलित किया जाना अनिवार्य है। उनका कहना था कि भारतीय शिक्षा पद्धति में भारत की गौरवशाली सनातन संस्कृति परिलक्षित होनी चाहिए तथा भावी पीढ़ी में राष्ट्र निर्माण की भावना को जागृत करने एवं देश प्रेम के उद्देश्य से महापुरुषों एवं वीरांगनाओं के जीवन परिचय एवं उनकी देश के प्रति निष्ठा, समर्पण एवं बलिदान से भी उनको अवगत कराया जाना चाहिए। शिक्षा का प्रारुप राष्ट्रधर्म एवं राष्ट्रसेवा की भावना को जागृत करने वाला हो। उन्होंने मांग की कि वर्तमान में बालक एवं बालिकाओं की शिक्षण संस्थाएं प्राचीन गुरुकुलीय भारतीय शिक्षा प्रणाली के अनुसार पृथक-पृथक हों तथा बालिकाओं को विदुषि शिक्षिकाएं एवं बालाकों को वेदज्ञ पुरुष अध्यापन करायें। उन्होंने चलचित्रों के माध्यम से परोसे जा रहे अभद्र दृश्य एवं युवाओं को भ्रमित एवं पथभ्रष्ट करने वाली कहानियों पर भी अंकुश लगाये जाने की मांग की। ज्ञापन सौंपने वालो में स्वामी कृष्णानन्द, ब्रजमोहन सैनी, प्रियवृत्त शास्त्री, सुधीर शर्मा समेत भारी संख्या में आर्य समाज के पदाधिकारी मौजूद रहे।
ब्यूरों रिपोर्टः मोनू कुमार/कुमार योगेश (सहारनपुर)
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