न्याय परिक्रमा न्यूज़ सहारनपुर
सहारनपुर। यौमे आशुरा को हजरत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम व करबला के शहीदांे की याद मे मातमी जुलूस निकाला गया, जिसमें या हुसैन या हुसैन या अब्बास या अब्बास की सदाएं बुलन्द की। अकीदत मंदो ने जंजीर मे बंधी छुरियो से कमाह व हाथों से मातम किया।
सौगवारों के जिस्म से खून रिस रहा था। जंजीर व कमाह का मातम बडी इमाम बारगाह से होता हुआ जामा मस्जिद तक हुआ जामा मस्जिद कला (चौक फव्वारा) पर हुज्जतुल इस्लाम मौलाना ज़हूर मैहदी मौलाई सहाब ने तकरीर करते हुए हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की कुर्बानी का पसे मंज़र पेश किया। उसके बाद जुलूस आगे बड गया दोबारा जंजीरो का मातम करबला पहुचने के बाद भी हुआ। बडी इमाम बारगाह जाफर नवाज़ से शुरू हुए जुलूस मे सबसे आगे ऊंट,घोडे, झोटा बुग्गी पर बैठे छोटे छोटे बच्चे काले कपडे पहने हाथो मे काले निशान लिए हुए हाय सकीना हाय प्यास चमन चमन कली कली अली अली नाराऐ हैदरी या अली, हुसैनियत जिन्दाबाद यज़िदयत मुर्दाबाद,नाराए तकबीर अल्लाहो अकबर की सदाऐं बुलन्द करते चल रहे थे। उनके पीछे शबीह अलम हज़रत अब्बास अलैहिस्सलाम को लेकर वक्फ करबला के प्रबन्धक सै. तालिब ज़ैदी चल रहे थे। शबीह अलम के पीछे अन्जुमने इमामिया व अन्जुमने अकबरिया व सागवारे अन्जुमन ए अकबरिया चल रही थी। अन्जुमने इमामिया में नौहा पढने वालो में मिर्ज़ा मेहरबान पंजेतन, आसिफ रज़ा, तौसिक़ मैहदी, मिर्ज़ा अयाज़, अली मैहदी, शहबाज़ काज़मी, शौज़ब रज़ा आदि रहे। अन्जुमन इमाममिया का संचालन मिर्ज़ा मेहरबान, लियाकत हुसैन अनवार जैदी, जमाल जैदी आदि ने किया। सोगवारे अन्जुमने अकबरिया मे नौहा पढने वालो में सलीस हैदर काज़मी, अनवर अब्बास ज़ैदी, अदनान काज़मी, शुजा काज़मी, रहबर जैदी, शबीह हैदर आदि रहे। सोगवारे अन्जुमन अकबरिया का संचालन में अख्तर अली ज़ैदी, इफतेखार हुसैन जैदी, विज़ारत काज़मी, ख्वाजा नगीन, आसिफ हैदर, कब्बू, नवाजिश हुसैन, महमूद नकवी, वाजिद अली, शाह अफरोज़, राहत अली, मौ0 आलम, आगाज़ अतहर, शाने रज़ा आदि ने किया। अन्जुमने अकबरिया मे नौहा पढने वालो में गुडडू, रियाज़ आब्दी, मिर्ज़ा नदीम, समीर आब्दी, कमाल जैदी, सुहैल आदि रहे। अन्जुमने अकबरिया का संचालन शादाब आब्दी, निशान हैदर आब्दी, दानिश आब्दी रविश आब्दी, मानू आब्दी, मौहम्मद आब्दी, अज़मत आब्दी, रिहान आब्दी, मुनव्वर आब्दी, दानिश जैदी आदि ने किया। जुलूस मे सबसे पीछे फुलो से सजा जु़लजना चल रहा था जिसकी बाघ (लगाम) तनवीर हैदर, हुसैन अब्बास व अकबर अब्बास ने पकड रखी थी तथा जुलूस के बीच मे ताज़िया (शबीह रोज़ा ए इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम) चल रहा था। जुलूस बडी इमाम बारगाह से शुरू होकर पुल सब्जी मण्डी, जामा मस्जिद कलां, मोर गंज, भगत सिह चौक, खुमरान रोड, पुरानी चुंगी, महाराज सिह कालेज के सामने से होता हुआ पुराना घांस कांटा स्थित करबला पहुच कर सम्पन्न हुआ सोगवारो ने करबला पहुच कर फाका खोला। जुलूस का संचालन करबला के प्रबन्धक सै.तालिब ज़ैदी ने किया। जुलूस में एडवोकेट मन्ज़र हुसैन काज़मी, डाक्टर अथर अब्बास जैदी, इशरत हुसैन, ज़मीर काज़मी, सिबतैन रज़ा, कौसर अब्बास, काज़ी अकरम, प्यारे मियां, सकलैन रज़ा, सलीस हैदर काज़मी, फरहत हुसैन, साजिद काज़मी, जैगम अब्बास, रियाज हैदर जैदी, ज़िया अब्बास, मिर्जा अहसान, अज़हर काज़मी, रियासत हवारी, फिरोज़ हैदर, कैसर अब्बास, नदीम जैदी, नजमी काज़मी, आलम काज़मी, सलमान, इमरान, फराज़ जैदी, अली जै़ब काज़मी, बाकर काज़मी, मीसम काज़मी, सहीम काजमी, तहसीन काज़मी, अबुतालिब, फरहत मैहदी, आदि चल रहे थे।
ब्यूरों रिपोर्टः मोनू कुमार/कुमार योगेश (सहारनपुर)
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