पंचकूला, (अच्छेलाल), संत निरंकारी सत्संग भवन सेक्टर 9 में शनिवार को महिला संत समागम का आयोजन किया गया। इसमें
बहन गुरचरण कौर जी, संयोजक डेराबस्सी ब्रांच की अध्यक्षता में हुआ। इस अवसर पर बहनों द्वारा सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के संदेशों को स्किट, गीत व विचारों द्वारा दिखाया गया।
बहन गुरचरण कौर जी, संयोजक डेराबस्सी ब्रांच ने निरंकारी महिला संत समागम में अपने उदगार व्यक्त करते हुए कहा कि निरंकारी मिशन ने हम सबको एक अच्छे समाज के साथ जोड़ा है जिसमें सभी प्रकार के सुख ही सुख हैं। सत्संग से हम निरंतर सीखते हैं। सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज से इस इलाही ब्रहम ज्ञान का ज्ञान होने के पश्चात भ्रम मिट गए हैं।
नित्य प्रति सत्संग से जुड़ने पर यह समझ आती है कि सत्संग सुखों की खान है। यहां पहुंच कर तन, मन, धन सब की सेवा हो जाती है।सत्संग जीवन का सावधि जमा (फिक्स्ड डिपॉजिट) है। सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज हमें प्रेम, करूणा, निम्रता , सबका सत्कार जैसे गुणों से युक्त जीवन जीने की प्रेरणा दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सेवा सदैव निष्काम व निष्छल भाव से करनी चाहिए। सत्संग में सदैव चेतन होकर बैठे क्योंकि किसी भी संत द्वारा रखे भाव कब जीवन परिवर्तित कर दे, यह पता नही होता।
सतगुरु माता जी हमे गृहस्थ, समाज, कार्य क्षेत्र में किस प्रकार से आचार व्यवहार करने की सिखलाई दे रहे हैं। अगर किसी से गलती हो जाये तो बेनेफिट ऑफ डाउट दे दे। सिख का मतलब सीखना।
घर से क्लेश , लड़ाई झगड़ा आदि समाप्त न होने के बारे सतगुरु माता जी समझाते हैं कि यह सब समस्याओं से निजात मिल सकती है अगर हम अपने जीवन का ट्रैक बदल दें। निंदा , चुगली को त्याग कर ही जीवन सुखमय होगा।
संयोजक एस.के.सोनी जी व बहन कुसुम सोनी जी ने बहन गुरचरण काैर जी का पंचकूला पहुंचने पर अभिवादन व आभार व्यक्त किया।
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