न्याय परिक्रमा, पंचकूला, ब्यूरो चीफ अच्छेलाल,
क्राफ्ट, रंगोली, लिप्पन आर्ट की कला के कई आयामों से रुबरु हुए कला शिक्षक
हरियाणा मौलिक शिक्षा विभाग के निदेशक एसएस ढिल्लो व अतिरिक्त निदेशक अमृता सिंह के मार्गदर्शन में चल रही तीन दिवसीय दूसरे चरण की राज्य स्तरीय जिलावार कला कार्यशाला आज संपन्न हो गई। कार्यशाला के अंतिम दिन कला शिक्षकों ने मास्टर ट्रेनरों की रहनुमाई में बनाए गए क्राफ्ट वर्क, लिपिन कला, मिट्टी की आकृतियां, मॉडल आर्ट, अक्षर लेखन आदि को प्रदर्शित किया।
प्रदर्शनी का अवलोकन राजकीय वरिश्ठ माध्यमिक विद्यालय,सैक्टर-6 के प्राधानाचार्य रजनीश सचदेवा ने किया। उन्होंने कला शिक्षकों द्वारा बनाई गई कलाकृतियों व विभिन्न कला विधियों की सराहना की। उन्होंने कहा कि इससे पहले स्कूलों में ऐसी कलाकृतियों को नहीं देखा गया। अब बच्चे इन कलाओं को सीखकर भविश्य में स्वयं रोजगार की तरफ भी जा सकते हैं।
मास्टर ट्रेनर सविता ने क्राफ्ट वर्क कला के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह एक प्रकार कला है, जिसमें उपयोगी और सजावटी उपकरणों का प्रयोग करके हाथ से आकृतियां बनाई जाती हैं। ऐसी वस्तुओं का अक्सर सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व भी होता है। उन्होंने बताया कि कला शिक्षकों ने क्राफ्ट कला सीखने के बाद अपने अंदर की कला को प्रदर्शित भी किया। उन्होंने गत्ता के प्रयोग से विभिन्न प्रकार की आकृतियां तैयार की।
मास्टर ट्रेनर भीम सिंह ने कला शिक्षकों को रंगोली और स्टील लाइफ की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कक्षा 6वीं से 8वीं तक प्रयोग होने वाले मॉडलों को बनवाया गया।
कार्यक्रम में मास्टर ट्रेनर कंवलजीत ने मिट्टी की कलाकृतियां, डा. अमित ने पोस्टर मेकिंग, धर्मवीर ने पोस्टल कर्लर्स का प्रयोग करना, दीपा ने लिप्पन कला, रविन्द्र कौर ने वाटर क्लर टेक्निक का प्रयोग सीखाया। इस कार्यशाला को सफल बनाने में अनू, मनजीत, अजय, हकीकत व मनदीप ने अपना योगदान दिया।
ब्यूरों रिपोर्टः अच्छेलाल (चंडीगढ)
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