न्याय परिक्रमा न्यूज़ सहारनपुर
सहारनपुर। ज़िले की आरण्या छाबड़ा ने ब्रेनी गर्ल व सुपर टैलेंटेड का खिताब हासिल कर अपना ही रिकॉर्ड तोड़ा और इंडिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड में भी अपना नाम दर्ज़ कराया।
इंडिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड में 100 अनियमित (रैंडम) अंकों की संख्या को याद करके अनुक्रम व उलटे क्रम में सबसे तेजी से सुनाने का रिकॉर्ड में सहारनपुर उत्तर प्रदेश की आरण्या छाबड़ा का नाम दर्ज किया गया। फरीदाबाद में कन्वोकेशन हुआ जिसमें इंडिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड के मुख्य सम्पादक, डॉ बिस्वरूप रॉय चौधरी व प्रबंध सम्पादक, श्रीमती नीरजा रॉय चौधरी ने आरण्या छाबड़ा को मैडल पहनाया, उसको ट्रॉफी व सर्टिफिकेट देकर उसका सम्मानित किया। इस उपलक्ष में आरण्या के पिता व ब्रेन पावर जोन के डायरेक्टर अमित छाबड़ा ने बताया कि अगर बच्चे ब्रेन साइंस की वैज्ञानिक तकनीकों से याद करें तो उनकी पढ़ाई में रूचि बढ़ेगी व परीक्षा में भी तनावमुक्त रहेंगे और यकीनन किसी भी विषय को भूलना भूल जायेंगे। उन्होंने ने बताया कि हमने प्रज्ञानस्थली स्कूल, ज्ञान कलश इंटरनेशनल स्कूल, नालंदा वर्ल्ड स्कूल, सेंट मैरीश्स स्कूल जैसे कुछ स्कूलों में ब्रेन साइंस लैब लगाना शुरू की है, जिससे आरण्या जैसे बहुत से बच्चे इसका बहुत फायदा उठा रहे हैं और अपनी परीक्षा में परिणाम सुधार रहे हैं। कार्यक्रम में डॉ बिस्वरूप रॉय चौधरी ने अरण्या की प्रशंसा करते हुए कहा की यह हुनर बच्चों की पढ़ाई में भी मदद करता है। आरण्या की इस उपलब्धि पर विभिन्न स्कूल के प्रिंसिपल, डायरेक्टर्स, टीचर्स व परिवार के सदस्यों, परितोष कालरा, आशुतोष मिश्रा, मुकुल चौधरी, अमित सेठी, सौरभ बजाज, अनु बजाज, राहुल कालरा, स्वाति कालरा, अमित छाबड़ा, रिया छाबड़ा, अगम छाबड़ा, सीमा गुंबर, तनु गिरधर, छवि मदान, गरिमा ठकराल, डिंपल आदि ने बिटिया को बधाई दी व आशीर्वाद दिया।
इंडिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड में 100 अनियमित (रैंडम) अंकों की संख्या को याद करके अनुक्रम व उलटे क्रम में सबसे तेजी से सुनाने का रिकॉर्ड में सहारनपुर उत्तर प्रदेश की आरण्या छाबड़ा का नाम दर्ज किया गया। फरीदाबाद में कन्वोकेशन हुआ जिसमें इंडिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड के मुख्य सम्पादक, डॉ बिस्वरूप रॉय चौधरी व प्रबंध सम्पादक, श्रीमती नीरजा रॉय चौधरी ने आरण्या छाबड़ा को मैडल पहनाया, उसको ट्रॉफी व सर्टिफिकेट देकर उसका सम्मानित किया। इस उपलक्ष में आरण्या के पिता व ब्रेन पावर जोन के डायरेक्टर अमित छाबड़ा ने बताया कि अगर बच्चे ब्रेन साइंस की वैज्ञानिक तकनीकों से याद करें तो उनकी पढ़ाई में रूचि बढ़ेगी व परीक्षा में भी तनावमुक्त रहेंगे और यकीनन किसी भी विषय को भूलना भूल जायेंगे। उन्होंने ने बताया कि हमने प्रज्ञानस्थली स्कूल, ज्ञान कलश इंटरनेशनल स्कूल, नालंदा वर्ल्ड स्कूल, सेंट मैरीश्स स्कूल जैसे कुछ स्कूलों में ब्रेन साइंस लैब लगाना शुरू की है, जिससे आरण्या जैसे बहुत से बच्चे इसका बहुत फायदा उठा रहे हैं और अपनी परीक्षा में परिणाम सुधार रहे हैं। कार्यक्रम में डॉ बिस्वरूप रॉय चौधरी ने अरण्या की प्रशंसा करते हुए कहा की यह हुनर बच्चों की पढ़ाई में भी मदद करता है। आरण्या की इस उपलब्धि पर विभिन्न स्कूल के प्रिंसिपल, डायरेक्टर्स, टीचर्स व परिवार के सदस्यों, परितोष कालरा, आशुतोष मिश्रा, मुकुल चौधरी, अमित सेठी, सौरभ बजाज, अनु बजाज, राहुल कालरा, स्वाति कालरा, अमित छाबड़ा, रिया छाबड़ा, अगम छाबड़ा, सीमा गुंबर, तनु गिरधर, छवि मदान, गरिमा ठकराल, डिंपल आदि ने बिटिया को बधाई दी व आशीर्वाद दिया।
ब्यूरों रिपोर्टः मोनू कुमार/कुमार योगेश (सहारनपुर)
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