
विशेषज्ञों और निर्यातकों ने ईयूडीआर अनुपालन पर चर्चा की
सहारनपुर। हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद द्वारा ईयू रेग्युलेशन ऑन डीफॉरेस्टेशन-फ्री प्रोडक्ट्स-वे फॉरवर्ड पर एक संवाद सत्र का आयोजन किया गया। सत्र का उद्देश्य निर्यातकों को नए ईयू रेग्युलेशन यानी ईयूडीआर और इसके अनुपालन के बारे में जागरूक करना रहा।
अम्बाला रोड स्थित एक होटल के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में ईपीसीएच के अतिरिक्त कार्यकारी निदेशक राजेश रावत, उपाध्यक्ष नीरज खन्ना ने कहा कि इस इंटरैक्टिव सत्र का उद्देश्य हस्तशिल्प निर्यातकों को नए ईयू रेग्युलेशन डी-फारेस्टेशन फ्री प्रोडक्ट्स यानी ईयूडीआर के बारे में जागरूक करना है। यूरोपीय यूनियन (ईयू) ने 7 श्रेणियों यथा मवेशियों 2024, कोको, कॉफी, ताड़ के तेल, रबर, सोया और लकड़ी के वनों की कटाई और गिरावट की समस्या उत्पादों से जुड़े को संबोधित करने के उद्देश्य से एक नया रेग्यूलेशन यानी ईयू रेग्युलेशन ऑन डीफॉरेस्टेशन-फ्री प्रोडक्ट्स (ईयूडीआर) पेश किया है। ईयूडीआर 30 दिसंबर से लागू होगा और इसका लक्ष्य यूरोप और विश्व स्तर पर वनों की कटाई-मुक्त बाजार के निर्माण को प्रोत्साहित करना है। ईपीसीएच के प्रशासन समिति के सदस्य नावेद उर रहमान ने कहा कि यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण सत्र रहा है, जिसमें ईयूडीआर पर चर्चा की गई। हमेशा की तरह, ईपीसीएच ने एक बार फिर सदस्य निर्यातकों को आगे बढ़ने के लिए शिक्षित करने का बीड़ा उठाया है और आश्वासन दिया है कि वृक्ष योजना के माध्यम से ईपीसीएच निर्यातकों को व्यवहारिक समाधान प्रदान करेगी।
इरफान उल हक ने कहा कि कार्यशाला का उद्देश्य नए यूरोपीय संघ विनियमन और लकड़ी के उद्योग पर इसके प्रभाव के बारे में जागरूकता फैलाना है। ईयूडीआर के विशेषज्ञ सचिन राज जैन ने ईयूडीआर पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी। इस प्रस्तुति में इस रेग्युलेशन का अनुपालन करने और लकड़ी के हस्तशिल्प वस्तुओं की ट्रेसबिलिटी में जोखिम कम करने का काम किया जाएगा। इसके साथ जियो टैगिंग और उचित परिश्रम विवरण के लिए एक व्यवहारिक समाधान प्रदान करने के लिए इसकी आवश्यकताओं को समझाया गया। ईपीसीएच के अतिरिक्त कार्यकारी निदेशक राजेश रावत ने कहा कि ईपीसीएच हस्तशिल्प उद्योग के सामने आने वाली चुनौतियों पर काम कर रहा है और परिषद ने हमेशा अपने सदस्यों के लाभ के लिए सक्रिय कदम उठाए हैं जो इस उद्योग को सस्टेनेबल, और व्यापार के साथ ही पर्यावरण के प्रति भी और अधिक जिम्मेदार बनने में मदद करते हैं। ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक आर के वर्मा ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान हस्तशिल्प निर्यात 32,759 करोड़ रुपये (3,956 मिलियन डॉलर) रहा। इस अवसर पर ईपीसीएच के उपाध्यक्ष नीरज खन्ना; ईपीसीएच के सीओए सदस्य सलमान आजम, ईपीसीएच के सीओए सदस्य नवेद उर रहमान, युवा उद्यम सोसायटी के केंद्रीय सचिव रोहित ढल्ल, सहारनपुर वुड कार्विंग हैंडीक्राफ्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष इरफान उल हक, सहारनपुर वुड कार्विंग हैंडीक्राफ्ट एसोसिएशन के सचिव मोहम्मद औसाफ, यस के राष्ट्रीय सचिव सनद कोठीवाल, यस के उपाध्यक्ष करण दुग्गल, रामजी सुनेजा, चैंबर ऑफ इंडस्ट्री एंड सर्विसेज के अध्यक्ष रविंदर मिगलानी समेत 100 से अधिक निर्यातकों ने भी सत्र में शिरकत की।
ब्यूरों रिपोर्टः मोनू कुमार/कुमार योगेश (सहारनपुर)
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