न्याय परिक्रमा न्यूज़ चंडीगढ़
चण्डीगढ़, (अच्छेलाल), श्री दुर्गा भगवती मंदिर, सेक्टर 38 वेस्ट, डीएमसी कॉलोनी में उत्तर भारत के सुप्रसिद्ध कथा वक्तापूज्य गुरुदेव श्री श्याम गोपाल जी महाराज जी के सुपुत्र श्री हरि ओम शरण जी महाराज द्वारा श्रीमद् भागवत महापुराण कथा का दिव्य आयोजन हो रहा है। आज कथा में में कथावाचक ने बताया कि वेद व्यास द्वारा रचित भागवत पुराण में रस भाव की भक्ति का निरुपण किया गया है। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत भारतीय वाङ्मय का मुकुटमणि है। भगवान शुकदेव द्वारा महाराज परीक्षित को सुनाया गया भक्तिमार्ग तो मानो सोपान ही है। इसके प्रत्येक श्लोक में श्रीकृष्ण-प्रेम की सुगन्धि है। इसमें साधन-ज्ञान, सिद्धज्ञान, साधन-भक्ति, सिद्धा-भक्ति, मर्यादा-मार्ग, अनुग्रह-मार्ग, द्वैत, अद्वैत समन्वय के साथ प्रेरणादायी विविध उपाख्यानों का अद्भुत संग्रह है। आज इस अवसर पर भगवान श्री कृष्ण का प्रकट उत्सव भी मनाया गया। कथा व्यास ने कहा कि भगवान हमारी संपत्ति, यश या वैभव नहीं देखता, वह तो केवल यह देखता है कि जीव के अंदर मेरे प्रति प्रेम कितना है। श्रद्धा भाव से यदि एक पत्ता भी तोड़कर भगवान के चरणों में रख दोगे तो भगवान उसमें ही प्रसन्न हो जाएंगे, शर्त केवल यह है कि केवल श्रद्धा और भाव होना चाहिए।
इस अवसर पर भारतीय संस्कृति ज्ञान संस्था के अध्यक्ष अनूप सरीन, हरीश, आचार्य पंडित, प्रेम प्रकाश भट्ट, राजकुमार मिश्रा, अनिल कुमार गोयल आदि भी मौजूद रहे। इस कथा के आयोजन में सेक्टर 11 स्थित सनातन धर्म मंदिर, चंडीगढ़ के प्रधान अरुणेश अग्रवाल का विशेष सहयोग है। कथा प्रवचन रोजाना बाद दोपहर चार बजे से सांय सात बजे तक होंगे। कथा के समापन दिवस को अटूट भंडारा भी बरताया जाएगा।
ब्यूरों रिपोर्टः कुमार योगेश /अच्छेलाल (चंडीगढ़)
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